- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
धर्म कथाएं
विषय सूची [श्रीमद भागवद पुराण]
श्रीमद भागवद पुराण [introduction]
• श्रीमद भागवद पुराण [मंगला चरण]
श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध १]
• श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध २]
• श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ३]
श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ४]
श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ५]
नवीन सुख सागर
श्रीमद भागवद पुराण अध्याय २२ स्कंध ८ [भगवान का द्वारपालना स्वीकार]
दोहा-बाईसवें अध्याय में बलि भेज्यो पाताल।
आप द्वार रक्षक भये दीनानाथ दयाल | ।
वामन अवतार, राजा बलि के वंशज कौन थे, भगवान विष्णु का वामन अवतार, वामन अवतार कब हुआ था, राजा बलि वामन अवतार, राजा बलि का जीवन परिचय, वामन अवतार स्तुति, राजा बलि
"-हे उत्तम श्लोक । मेरे वचनों को मिथ्या न मानिये, आप अपना तीसरा पेंड़ मेरे शिर पर रखकर नाप लीजिये, क्योंकि जब मेरे बाहुबल से अजित पृथ्वी अपके एक ही पेंड़ में हो गई है तो क्या मेरा शरीर आपके एक पेंड़ भी नहीं हो सकता है ? मैं नरक में जाने से नहीं डरता हूँ, वरुणशाप के बन्धन से भी नहीं डरता हूँ, मुझे केवल आपके इस झूठे कहे का बहुत डर हैं।हम असुरगण आप से बैर करके उस सिद्धि पर पहुँच गए हैं जिसको एकान्तवासी योगो भी कठिनता से पाते हैं। आपने जो मेरा निग्रह किया और मुझको वरुणपाश से बाँधा हैं, इससे मुझको न लज्जा है न दुःख है। मेरे पितामह प्रहलादजी कहते थे कि जब ये देह अन्त में छोड़कर जाता है तो इस देह से क्या प्रयोजन है! और मरने पर धन के हरने वाले भाई रूप चोरों से, तथा इस संसार में बन्धन रूप स्त्री से भी क्या प्रयोजन है ? घर में भी आयु क्षीण हो जाती है फिर इससे भी क्या फल हैं ? इस विचारों को दृढ़ करके मेरे पितामह को अगाध बोध हो गया और आपके पद पङ्कजों में भक्ति प्राप्ति हुई।मेरी भी दैव ने लक्ष्मी हरकर बल पूर्वक मेरे बैरी ने आपके पास ला डाला है, यह भी अहोभाग्य है क्योंकि आपने मुझको उस सम्पति से हटा दिया है जिससे सम्बन्ध स्थापित होकर प्राणी मृत्यु के समीप पहुँचाने वाले भी अपने जीवन को अनित्य नहीं सम केयु है।"
"हे महाराज ! आपने अपनी क्रीड़ा के लिये यह जगत रचाया तो मूर्ख लोग वृथा ही अपने को इस जगत का स्वामी कहते हैं परन्तु इसकी उत्पत्ति पालन और संहार करने वाले, आपको कोई क्या दे सकता है! जो कुछ उनके पास है वह भी आप ही का दिया हुआ है।"
आचार्य वात्स्यायन और शरीर विज्ञान।
तांत्रिक यानी शरीर वैज्ञानिक।।
मनुष्य के वर्तमान जन्म के ऊपर पिछले जन्म अथवा जन्मों के प्रभाव का दस्तावेज है।
Find out how our Gurukul got closed. How did Gurukul end?
तुम कौन हो? आत्म जागरूकता पर एक कहानी।
सबसे कमजोर बल: गुरुत्वाकर्षण बल।सबसे ताकतवर बल: नाभकीय बल। शिव।। विज्ञान।।
सौगंध मुझे इस मिट्टी की मैं देश नहीं मिटने दूंगा।।
Shree ram ki kavita, kahani (chaand ko hai ram se shikayat)