Shrimad Bhagwata Mahapuran [Skandh 1]


ॐ चतुर्मुखाय विद्महे, कमण्डलु धाराय धीमहि, तन्नो ब्रह्म प्रचोदयात् ॥

ॐ वेदात्मने विद्महे, हिरण्यगर्भाय धीमहि, तन्नो ब्रह्म प्रचोदयात् ॥

ॐ परमेश्वर्याय विद्महे, परतत्वाय धीमहि, तन्नो ब्रह्म प्रचोदयात् ॥

धर्म कथाएं

विषय सूची [श्रीमद भागवद पुराण]
श्रीमद भागवद पुराण [introduction]
• श्रीमद भागवद पुराण [मंगला चरण]
श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध १]
 श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध २]
• श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ३]
श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ४]

श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ५]






 • शौनकादि ऋषियों का सूत जी से भागवत के विषय में सम्वाद। [अध्याय १]

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वेद व्यास जी द्वारा भगवद गुण वर्णन।।[अध्याय २]
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भगवान विष्णु के २४ अवतार।। [अध्याय ३]
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व्यास मुनि का नारद में सन्तोष होना और भागवत बनाना आरम्भ करना।। [अध्याय ४]
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नारद द्वारा हरि कीर्तन को श्रेस्ठ बतलाकार वेद व्यास के शोक को दूर करना।।[अध्याय ५]
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देवर्षि नारद मुनि अपने पूर्व जन्म जी कथा वेद व्यास जी को कहना।। [अध्याय ६]
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परीक्षित राजा के जन्म कर्म और मुक्ति की कथा।। [अध्याय ७]
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अश्वत्थामा का ब्रह्म अस्त्र छोड़ना।।परीक्षित राजा के जन्म कर्म और मुक्ति की कथा।। [अध्याय ८]
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युधिष्ठिर का भीष्म पितामह से सब धर्मों का सुनना।।[अध्याय ९]

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श्री कृष्ण भगवान का सब कार्य करके हस्तिनापुर से चलना।।[अध्याय १०]༺═──────────────═༻
परीक्षित के जन्म की कथा।। [अध्याय १२]
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विदुर, धृतराष्ट्र, गान्धारी का हिमालय गमन से मोक्ष प्राप्ति की कथा।।[अध्याय १३]
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युधिष्ठिर को कलयुग के लक्षण का आभास होना।।[अध्याय १४]

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अर्जुन कृष्णा प्रेम।। श्रीकृष्ण स्तुति।।[अध्याय १५]
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राजा परीक्षित का वंश वर्णन।। [अध्याय १६]
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राजा परीक्षित का कलयुग को अभय देना।। कलयुग के निवास स्थान।। [अध्याय १७]
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परीक्षित के श्राप की कथा ।।[अध्याय १८]

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