इन्द्र-वृत्तासुर युध्द।। वृत्तासुर वध ।।वृत्तासुर का प्राकरम।।
विषय सूची [श्रीमद भागवद पुराण] श्रीमद भागवद पुराण [introduction] • श्रीमद भागवद पुराण [मंगला चरण] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध १] • श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध २] • श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ३] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ४] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ५] श्रीमद भागवद पुराण स्कंध ६ नवीन सुख सागर अध्याय १२ स्कंध ६ श्रीमद भगवद महापुराण बारहवाँ अध्याय [स्कंध ६] इन्द्र-वृत्तासुर युध्द।। वृत्तासुर वध ।।वृत्तासुर का प्राकरम।। दो० युद्ध रीति सो इन्द्र ने, वृत्तासुर दिया मार। बारहवें अध्याय में, वरणी कथा विचार ।। श्री शुकदेवजी बोले-हे परीक्षत ! इस प्रकार ज्ञान रखने वाले वृत्तासुर ने हरि भगवान की अनेक प्रकार स्तुति की, और फिर अपना त्रिशूल उठाय इन्द्र पर झपटा। बड़े वेग से दैत्य ने इन्द्र पर अपना त्रिशुल चलाया। परन्तु इन्द्र ने उसका भय न मानकर अपने बज्र से त्रिशूल को काटकर टुकड़े कर दिये। साथ ही इन्द्र ने वृत्तासुर की एक भुजा को भी काट डाला । भुजा के कटने पर वृत्तासुर ने महा क्रोध कर परिध अस्त्र को इन्द्र को ठोड़ी पर और ऐरावत हाथी पर कठिन प्रहार किया। जिससे इंदर