सुख सागर कथा।। समुद्र मंथन भाग ३।। लक्ष्मी माता की उत्पत्ति।।मोहिनी अवतार।।
ॐ ॐ चतुर्मुखाय विद्महे, कमण्डलु धाराय धीमहि, तन्नो ब्रह्म प्रचोदयात् ॥ ॐ वेदात्मने विद्महे, हिरण्यगर्भाय धीमहि, तन्नो ब्रह्म प्रचोदयात् ॥ ॐ परमेश्वर्याय विद्महे, परतत्वाय धीमहि, तन्नो ब्रह्म प्रचोदयात् ॥ ॐ 𑁍 ▲─────── ◇◆◇───────▲ नवीन सुख सागर श्रीमद भागवद पुराण आठवां अध्याय स्कंध ८।।सुख सागर कथा।। समुद्र मंथन भाग ३।। मोहिनी अवतार।। (भगवान का मोहिनी रूप धारण करना) धर्म कथाएं विषय सूची [श्रीमद भागवद पुराण] श्रीमद भागवद पुराण [introduction] • श्रीमद भागवद पुराण [मंगला चरण] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध १] • श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध २] • श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ३] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ४] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ५] श्रीमद भागवद पुराण स्कंध ६ श्रीमद भागवद पुराण स्कंध ७ श्रीमद भागवद पुराण स्कंध ८ दो० लक्ष्मी प्रगटी विष्णु तब, वरण प्रेम सों कीन्ह। अमृत हित जस विष्णु ने, रूप में मोहिनी लीन्ह।। समुद्र मंथन।। भाग २ (कालकूट की उत्पत्ति) अमृतोत्पादन के लिये देवासुर का उद्योग।। समुद्र मंथन भाग १।। समुद्र मंथन के 14 रत्न, समुद्र मंथन की कथा, समुद्र मंथन कहां हुआ था, सम