इन्द्र को ब्रम्ह हत्या लगना।। बृह्मा हत्या का स्वरूप।।श्रीमद भागवद पुराण तेरहवां अध्याय [स्कंध ६]
विषय सूची [श्रीमद भागवद पुराण] श्रीमद भागवद पुराण [introduction] • श्रीमद भागवद पुराण [मंगला चरण] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध १] • श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध २] • श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ३] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ४] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ५] श्रीमद भागवद पुराण स्कंध ६ नवीन सुख सागर श्रीमद भागवद पुराण तेरहवां अध्याय [स्कंध ६] इन्द्र को ब्रम्ह हत्या लगना।। बृह्मा हत्या का स्वरूप।। दो०- बृम्ह हत्या भई इन्द्र को, छुपौ कही भय खाय। सो सिंगरौ वर्णन कियो, तेरहवें अध्याय ।। श्री शुकदेव जी बोले-हे राजन् ! इन्द्र ने जब वृत्तासुर को मार डाला तो ब्रम्ह हत्या इन्द्र के पीछे लगी। जिसके कारण इन्द्र को बड़ा संताप सहना पड़ा। साक्षात चान्डाली स्वरूप वाली वृद्धा वस्था के कारण काँपती हुई, क्षय रोग ग्रसित, रुधिर से रंगे वस्त्रों को धारण किये अपने पीछे दौड़ी आती वृम्ह हत्या को इंद्र ने जब देखा, तो वह उससे बचने के लिये भाग कर आकाश और सब दिशाओं में फिर आया परन्तु उससे पीछा छुड़ाने को उसे कहीं भी शरण न मिली । तब वह शीघ्र भागकर मान सरोवर में जाय वहाँ एक कमल की नाल में छिपा रहा। तब तक उस