श्रीमद भागवद पुराण दूसरा अध्याय [स्कंध ५] ( अग्नीध्र चरित्र)
Listen to podcasts https://anchor.fm/shrimad-bhagwad-mahapuran धर्म कथाएं विषय सूची [श्रीमद भागवद पुराण] श्रीमद भागवद पुराण [introduction] • श्रीमद भागवद पुराण [मंगला चरण] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध १] • श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध २] • श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ३] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ४] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ५] श्रीमद भागवद पुराण दूसरा अध्याय [स्कंध ५] ( अग्नीध्र चरित्र) दोहा-सव अग्नीध का, भाषा करदू गाय। या द्वितीय अध्याय में, श्रवण करी मन लाय।। श्री शुकदेव जी बोले-हे राजा परीक्षत ! पहले प्रियव्रत के पुत्र अग्नीध्र का चरित्र वर्णन करते हैं सो ध्यानपूर्वक सुनो। जब सब पुत्रों को पृथक-पृथक राज्य दे प्रियव्रत्त वन को चला गया तो उसके पश्चात अग्नीध्र जम्बूद्वीप का राजा हो प्रजा का पालन करने लगा। एक बार आग्नीध्र ने पुत्र द्वारा पितृ लोक की इच्छा की इस कारण उसने तप करने का निश्चय किया, और तब वह राज्य को छोड़ मंदराचल पर्वत की गुफा में बैठ एक चित हो बृह्मा जी की तपस्या करने लगा । तब वृह्मा जी ने आग्नीध्र की तपस्या से प्रसन्न होकर पूर्वचित्त नाम की अप्सरा को भेजा, जिसकी पायल की झनक