सनकादिक मुनियों द्वारा भागवद ज्ञान एवं आरम्भ।।
नरसिंह भगवान का अंतर्ध्यान होना।। मय दानव की कहानी।। सनातन धर्म तथा सभी वर्ण आश्रमों का नारद मुनि द्वारा सम्पूर्ण वखान ।। महा भक्त प्रह्लाद की कथा।। भाग १ प्रहलाद द्वारा बालकों को उपदेश।। भक्त प्रह्लाद की कथा भाग २।। प्रह्लाद को आत्म ज्ञान।।नारद के कहे उपदेश का वृतान्त।। प्रह्लाद कथा भाग ३। हिरण्यकश्यपु का नरसिंह द्वारा विनाश।। महभक्त प्रह्लाद की कथा भाग ४ प्रह्लाद द्वारा भगवान का स्तवन। महाभक्त प्रह्लाद की कथा भाग ५।। श्रीमद भागवद पुराण सातवां अध्याय [स्कंध ७] ( नारद के कहे उपदेश का वृतान्त ) सनकादिक मुनियों द्वारा भागवद ज्ञान एवं आरम्भ।। श्रीमद भागवद पुराण तीसरा अध्याय मंगला चरण ( भक्ति का कष्ठ दूर होना) भागवद यज्ञ का स्थान,ऋषियों मुनियों का आगमन नारदजी बोले-हे ऋषियों! आप कृपा करके उस स्थान को बताइये जहाँ यज्ञ किया जाय। यह सुनकर सनत्कुमार बोले-कि हे नारद जी ! हरिद्वार के पास जो आनंद नाम का गङ्गाजी का तट है, उस स्थान में आपको ज्ञानयज्ञ करना उचित है और भक्ति से भी कहदो कि वह भी अपने ज्ञान, वैराग्य नामक दोनों पुत्रों को संग लेकर वहाँ आजावे। सूतजी बोले कि, ऐसा