श्रीमद भागवद पुराण पाँचवाँ अध्याय [स्कंध ८ ] (ब्रम्हाजी द्वारा स्तवन)
ॐ चतुर्मुखाय विद्महे, कमण्डलु धाराय धीमहि, तन्नो ब्रह्म प्रचोदयात् ॥ ॐ वेदात्मने विद्महे, हिरण्यगर्भाय धीमहि, तन्नो ब्रह्म प्रचोदयात् ॥ ॐ परमेश्वर्याय विद्महे, परतत्वाय धीमहि, तन्नो ब्रह्म प्रचोदयात् ॥ धर्म कथाएं विषय सूची [श्रीमद भागवद पुराण] श्रीमद भागवद पुराण [introduction] • श्रीमद भागवद पुराण [मंगला चरण] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध १] • श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध २] • श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ३] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ४] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ५] श्रीमद भागवद पुराण स्कंध ६ श्रीमद भागवद पुराण स्कंध ७ श्रीमद भागवद पुराण स्कंध ८ नवीन सुखसागर श्रीमद भागवद पुराण पाँचवाँ अध्याय [स्कंध ८ ] (ब्रम्हाजी द्वारा स्तवन) Bhagwad Mahapuran को पढ़ने से पहले कुछ बातें समझने से तथ्य समझ में आते हैं।। गज और ग्राह की कथा - भाग ३ (सुख सागर कथा)गजेन्द्र का स्वर्ग जाना।। गज और ग्राह की कथा - भाग २ (सुख सागर कथा)गजेन्द्र मोक्ष।। गज और ग्राह की कथा।। भाग १ (सुख सागर कथा) नवीन सुख सागर (श्रीमद भागवद पुराण) -आठवां स्कन्ध प्रारम्भ श्री नारद मुनि द्वारा मोक्ष लक्षण वर्णन।। श्रीमद भागवद