Bhagwad Mahapuran को पढ़ने से पहले कुछ बातें समझने से तथ्य समझ में आते हैं।।
ॐ चतुर्मुखाय विद्महे, कमण्डलु धाराय धीमहि, तन्नो ब्रह्म प्रचोदयात् ॥
ॐ वेदात्मने विद्महे, हिरण्यगर्भाय धीमहि, तन्नो ब्रह्म प्रचोदयात् ॥
ॐ परमेश्वर्याय विद्महे, परतत्वाय धीमहि, तन्नो ब्रह्म प्रचोदयात् ॥
धर्म कथाएं
विषय सूची [श्रीमद भागवद पुराण]
श्रीमद भागवद पुराण [introduction]
• श्रीमद भागवद पुराण [मंगला चरण]
श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध १]
• श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध २]
• श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ३]
श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ४]
श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ५]
Bhagwad Mahapuran को पढ़ने से पहले कुछ बातें समझने से तथ्य समझ में आते हैं।।भागवत पुराण किसने लिखी।Before moving further let's get to know some facts about SHRIMAD BHAGWAD MAHAPURAN
।।श्रीमद भागवद पुराण आरम्भ।।
नरसिंह भगवान का अंतर्ध्यान होना।। मय दानव की कहानी।।
सनातन धर्म तथा सभी वर्ण आश्रमों का नारद मुनि द्वारा सम्पूर्ण वखान।।
श्रीमद्भागवद में प्राय पद पद पर केवल श्रीकृष्ण की कथाओं का व्याख्यान है। इसीलिए सूत जी कहते हैअन्य वेदों, उपनिषद, का पठन करने से भी भगवान अंतकरण में आते हैं।किन्तु भगवाद पुराण पढ़ने से शीघ्र प्राप्त होते हैं।क्यूंकि, संसार में जैसे शुक अर्थात् तोते के मुख से उत्कृष्ट फल अति मीठा होता है। इसी प्रकार श्री शुकदेवजी द्वारा ये भगवाद पुराण पूर्ण सार है, जो समस्त प्रकार से श्री कृष्ण की सम्पूर्ण लीलाओं का व्याख्यान करता है। इसीलिए इस का पाठ सर्वोपरि है।
यज्ञशाला में जाने के सात वैज्ञानिक लाभ।।
सनातन व सिखी में कोई भेद नहीं।
सनातन-संस्कृति में अन्न और दूध की महत्ता पर बहुत बल दिया गया है !
Astonishing and unimaginable facts about Sanatana Dharma (HINDUISM)
श्रीमद भागवद पुराण किसने किसे किसे सुनायी।।
तब वृह्माजी ने नारायण द्वारा कहा हुआ दस लक्षणों युक्त भागवत पुराण को अपने पुत्र नारद को सुनाया। तब नारदजी ने सरस्वती नदी के तट पर महातेजस्वी व्यास मुनि को सुनाया तब हमने अपने पिता से सुन कर तुम्हें सुनाया कि जो तुमने हमसे पूछा-कि विराट पुरुष द्वारा जगतकिस प्रकार होता है सो वह सब कहा कि जिस प्रकार विराट पुरुष द्वारा जगत उत्त्पन होता है।यह श्रीमद्भागवत की कथा भगवान हरि ने प्रथम वृह्माजी ने नारद के उनके प्रश्न करने पर सुनाई थी और तब नारदजी ने यही कथा मेरे तात वेद व्यास जो से वर्णन की और वही मेरे तात ने मुझे सुनाई थी सो उसी परम पवित्र कथा को मैं तुम्हारे सामने वर्णन करता हूँ सो आप इस हरि कथा रूपी अमृत को श्रवणों द्वारा एकाग्र चित्त से पान करें।
क्या थे श्री कृष्ण के उत्तर! जब भीष्मपितामह ने राम और कृष्ण के अवतारों की तुलना की?A must read phrase from MAHABHARATA.
श्री कृष्ण के वस्त्रावतार का रहस्य।।
Most of the hindus are confused about which God to be worshipped. Find answer to your doubts.
हम किसी भी व्यक्ति का नाम विभीषण क्यों नहीं रखते ?
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