दधीची ऋषि की अस्थियों द्वारा वज्र निर्माण (वृत्तासुर और इन्द्र का युद्ध)
विषय सूची [श्रीमद भागवद पुराण] श्रीमद भागवद पुराण [introduction] • श्रीमद भागवद पुराण [मंगला चरण] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध १] • श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध २] • श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ३] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ४] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ५] श्रीमद भागवद पुराण स्कंध ६ नवीन सुख सागर श्रीमद भागवद पुराण दसवां अध्याय [स्कंध ६]दधीची ऋषि की अस्थियों द्वारा वज्र निर्माण ( वृत्तासुर और इन्द्र का युद्ध) दो०- मुनि दधीच की अस्थि का, सुरपति बज्र बनाय। वृत्तासुर से युद्ध अति भयो दसवें अध्याय॥ श्री शुकदेव जी बोले-हे परीक्षत ! इंद्र को आज्ञा देकर भगवान तो अंतर्ध्यान हो गये तब देवता गण मुनि दधीच के पास गये। और उनसे धर्म के निमित्त उनका शरीर माँगा । तब दधीच ने कहा- हे देवगण प्राणी को मरण समय जो असह्य क्लेश होता है उसे तुम नहीं जानते हो। जो जीवित रहने की इच्छा रखता उसे अपना शरीर बहुत प्यारा होता है। फिर भी ऐसा कौन है जो भगवान विष्णु के माँगने पर भी अपना शरीर न दे सके । देवता बोले-हे ब्रह्मन् ! प्राणियों पर दया करने वाले महात्मा पुरुषों को कोई वस्तु दुस्