युधिष्ठिर का भीष्म पितामह से सब धर्मों का सुनना।।
धर्म कथाएं
विषय सूची [श्रीमद भागवद पुराण]
श्रीमद भागवद पुराण [introduction]
• श्रीमद भागवद पुराण [मंगला चरण]
श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध १]
• श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध २]
• श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ३]
श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ४]
श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ५]
श्रीमद भागवद पुराण स्कंध ६
श्रीमद भागवद पुराण स्कंध ७
श्रीमद भागवद पुराण स्कंध ८
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श्रीमद भागवद पुराण महात्मय का नवम आध्यय [स्कंध १]
दोहा-धर्म विनम जर धर्म कृम, भाष्यों भीष्म उचार।।
सो नवमे अध्याय में वरण विविध प्रकार।।
युधिष्ठिर को मोह-अज्ञान होना
नरसिंह भगवान का अंतर्ध्यान होना।। मय दानव की कहानी।।
सनातन धर्म तथा सभी वर्ण आश्रमों का नारद मुनि द्वारा सम्पूर्ण वखान।।
महा भक्त प्रह्लाद की कथा।। भाग १
वाले भीष्म पितामह ने अवसर के अनुकूल सादर मीठी वाणी सबका आदर किया और कहने लगे-
भीष्म पितामह से श्रीकृष्ण की स्तुति
हे धर्म-नंदन ! बड़े ही शोक की बात है कि तुम वृथा ही कष्ट मानकर जीते हो, सो तुम कष्ट पाने के योग्य नहीं हो और यह बड़ा अन्याय है, कि जिनको ब्राह्मण, धर्म,श्री कृष्ण भगवान इन्हीं का आश्रय है, ऐसे तुम दुःख मानते हो। अत्यन्त शूरवीर पांडु मर गये तब पीछे जिसके बालक अनाथ रह गये ऐसे बिचारी कुन्ती वधू ने जो तुम्हारे निमित्त बारम्बार अनेक दुख भोगे है इन सम्पूर्ण बातों को मैं काल के आधीन ही मानता हूँ। इसी काल ने तुमको दुःख दिया है, क्योंकि इस काल के वश में लोकपाल सहित सब लोक हैं ---सूतजी कहने लगे-हे विप्रो, उस समय राजा युधिष्ठिर ऐसे अनुग्रह युक्त वचनों को सुनकर शरशैया पर सोते हुए भीष्म पितामह से सब ऋषियों के सुनते हुए अनेक धर्मों को पूछने लगे। क्या क्या धर्म पूछे हैं सो कहते हैं ।
अब श्री भीष्म स्तुति करते हैं---
हे!यादवों में श्रेष्ठ, लीला करने के वास्ते जन्म मरण को अंगीकार करने वाले ऐसे जो श्रीकृष्ण भगवान हैं तिनमें तृष्णा रहित बुद्धि मन समर्पण करता हूँ। त्रिलोकी में अत्यन्त सुन्दर तमाल पत्र के समान श्याम स्वरूप, सूर्य की किरणोंके समान उत्तम तेज युक्त, पीताम्बर धारण करने वाले, अकलावली से शोभित मुख कमल करके विराजमान शरीर वाले,अर्जुन के सखा, ऐसे श्रीकृष्ण भगवान जी से मेरी अखण्ड प्रीत रहे । युद्ध में घोड़ों के खुरों से उड़ी हुई धूल से घूसर बाल और मुख पर पसीने के बिन्दु शोभित हो रहे हैं, तथा मेरे बाणों से जिनका कक्षा खंडित होकर त्वचा खण्डित हो गई है, ऐसे श्री कृष्ण भगवान विषे मेरा मन रमण करे। जो भगवान शीघ्र ही अपने सखा अर्जुन के वचन को सुनकर दोनों सेनाओं के बीच में विशाल रथ को खड़ा करके शत्रुओं की आयु को अपनी दृष्टि से हरते हुए, और व्यूह रचना से दूर स्थिर हुई सेना के आगे र्मोचो पर खड़े हुए बन्धु बान्धवों के मोह से जब अर्जुन युद्ध करने से विमुख होगया, उस समय में जिन्होंने अर्जुन की कुमति ब्रह्म विद्या करके दूर की, उन परमेश्वर श्रीकृष्ण के चरणों में मेरी प्रीति रहे।
जो भगवान, अपनी प्रतिज्ञा को, अर्थात् मैं शस्त्र धारण नहीं करूंगा, इस बात को त्यागकर मेरी प्रतिज्ञा जो मैंने की थी कि श्रीकृष्णको मैं शस्त्र धारण करा दूंगा, इसको बड़ी (सच्ची) करने के वास्ते रथ से नीचे ऐसे चले उतर रथ के पहिये को हाथ में धारण कर मेरे सन्मुख कि जैसे हस्ति को मारने को सिंह आया हो, उस समय कोप से शरीर का अनुसन्धान न रहने से पीताम्बर गिर गया था और धनुषधारी जो मैं उस मेरे पैने बाणों के लगने से जिनका कवच टूट गया व रुधिर शरीरसे बहता था, ऐसे जो श्री कृष्ण भगवान उनमें मेरी प्रीत रहे।
क्या थे श्री कृष्ण के उत्तर! जब भीष्मपितामह ने राम और कृष्ण के अवतारों की तुलना की?
A must read phrase from MAHABHARATA.
श्री कृष्ण के वस्त्रावतार का रहस्य।।
Most of the hindus are confused about which God to be worshipped. Find answer to your doubts.
हम किसी भी व्यक्ति का नाम विभीषण क्यों नहीं रखते ?
How do I balance between life and bhakti?
मंदिर सरकारी चंगुल से मुक्त कराने हैं?
यज्ञशाला में जाने के सात वैज्ञानिक लाभ।।
सनातन व सिखी में कोई भेद नहीं।
सनातन-संस्कृति में अन्न और दूध की महत्ता पर बहुत बल दिया गया है !
Astonishing and unimaginable facts about Sanatana Dharma (HINDUISM)
सनातन धर्म के आदर्श पर चल कर बच्चों को हृदयवान मनुष्य बनाओ।
Why idol worship is criticized? Need to know idol worshipping.
अर्जुन का कुटुम्ब रूपी रथ अर्थात् कुटुम्ब की सी रक्षा करते हुए रथ के घोड़े हाँकने वाले चाबुक में हाथ ले रखा है, और घोड़े की बागें पकड़ रहे हैं, ऐसे स्वरूप को देखकर भगवान में मुझे मरने की इच्छा वाले की रुचि बढ़े। जिसकी ललित गति, रास आदि बिलास, मनोहर हास्य आदि से मन्दान्ध हुई गोपियां जिस श्रीकृष्ण के ही स्वरूप को प्राप्त हो गई, तिसमें मेरी गति हो। जिस समय युधिष्ठिर के राजसूय यज्ञ में अनेक मुनिवर और राजा लोग प्राप्त भये उस राजसूय यज्ञ में सबों के मध्य जिसने अग्रपूजा पाई,ऐसे श्रीकृष्ण भगवान मेरे नेत्रों के आगे विराजमान हैं, इसलिये मेरा बड़ा भाग्य है। क्या थे श्री कृष्ण के उत्तर! जब भीष्मपितामह ने राम और कृष्ण के अवतारों की तुलना की?
A must read phrase from MAHABHARATA.
श्री कृष्ण के वस्त्रावतार का रहस्य।।
Most of the hindus are confused about which God to be worshipped. Find answer to your doubts.
हम किसी भी व्यक्ति का नाम विभीषण क्यों नहीं रखते ?
How do I balance between life and bhakti?
मंदिर सरकारी चंगुल से मुक्त कराने हैं?
यज्ञशाला में जाने के सात वैज्ञानिक लाभ।।
सनातन व सिखी में कोई भेद नहीं।
सनातन-संस्कृति में अन्न और दूध की महत्ता पर बहुत बल दिया गया है !
Astonishing and unimaginable facts about Sanatana Dharma (HINDUISM)
सनातन धर्म के आदर्श पर चल कर बच्चों को हृदयवान मनुष्य बनाओ।
Why idol worship is criticized? Need to know idol worshipping.
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