Shrimad Bhagwad Mahapuran [Skandh 9]

 

-  ॐ नमो भगवते वासुदेवाय 

-  ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।  

-  ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि। 

-  ॐ विष्णवे नम: 

 - ॐ हूं विष्णवे नम: 

- ॐ आं संकर्षणाय नम: 

- ॐ अं प्रद्युम्नाय नम: 

- ॐ अ: अनिरुद्धाय नम: 

- ॐ नारायणाय नम: 

- ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।। 

ॐ चतुर्मुखाय विद्महे, कमण्डलु धाराय धीमहि, तन्नो ब्रह्म प्रचोदयात् ॥ 

ॐ वेदात्मने विद्महे, हिरण्यगर्भाय धीमहि, तन्नो ब्रह्म प्रचोदयात् ॥ 

ॐ परमेश्वर्याय विद्महे, परतत्वाय धीमहि, तन्नो ब्रह्म प्रचोदयात् ॥

धर्म कथाएं

Bhagwad puran

विषय सूची [श्रीमद भागवद पुराण]
श्रीमद भागवद पुराण [introduction]
• श्रीमद भागवद पुराण [मंगला चरण]
श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध १]
 श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध २]
• श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ३]
श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ४]

श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ५]





* नवम स्कन्ध प्रारम्भ * * नवम स्कन्ध प्रारम्भ *  * मङ्गलाचरण 

* मङ्गलाचरण * 


दोहा- यदुनायक तारन तरन, दीनबन्धु प्रतिपाल |
राधावर अशरण शरण, गिरवरधर गोपाल ॥ 


छन्द-- जय-जय यदुनायक जन सुखदायक, कंस विनाशन अधहारी। 
जय-जय नदनन्दन जगदुखकन्दन मेटन भय प्रभु नर तनुधारी॥
जे दीनदयाला अमृत कृपाला जगपाला भक्तन हितकारी| 
करशक्ति प्रदाना हे भगवाना पाहि पाहि प्रभु पाहि मुरारी॥ ▲───────◇◆◇───────▲



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