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श्रीमद भागवद पुराण ॥तेरहवां अध्याय॥ स्कंध५(भयावटो वर्णन)

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Listen to podcasts  https://anchor.fm/shrimad-bhagwad-mahapuran https://anchor.fm/shrimad-bhagwad-mahapuran/episodes/ep-eu0akb https://anchor.fm/shrimad-bhagwad-mahapuran/episodes/ep-eu2od1 धर्म कथाएं विषय सूची [श्रीमद भागवद पुराण] श्रीमद भागवद पुराण [introduction] • श्रीमद भागवद पुराण [मंगला चरण] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध १] •  श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध २] •  श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ३] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ४] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ५] श्रीमद भागवद पुराण ॥तेरहवां अध्याय॥ स्कंध५ (भयावटो वर्णन) हो०-आत्म ज्ञान उपदेश जिमि' कहयो भरत समझाय। तेरहवें अध्याय में, कथा कही दर्शाय ।। शुकदेव जी बोले-हे परीक्षत! जड़ भरत के इन बचनों को सुन कर राजा रहूगण थर-थर काँपने लगा। भयभीत हुआ वह जड़ भरत से हाथ जोड़ कर बोला - हे महाराज! मैं ब्राह्मणों के शाप से बहुत भय भीत रहता हूँ, क्योंकि कहीं ऐसा न हो जाय कि आप मेरे लिये क्रोधावेष में कोई शाप ही दे डालें। रहूगण के यह बचन सुन कर जड़ भरत बोले - हे राजन! तुम भय मत करो मैं तुम्हें शाप नहीं दूंगा। क्योंकि ज्ञानी एवं महात्मा पुरुष सांस

जड़ भरत द्वारा ज्ञान॥ (राजा रहूगण का संदेह भंजन )श्रीमद भागवद पुराण बारहवां अध्याय [स्कंध ५]

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Listen to podcasts  https://anchor.fm/shrimad-bhagwad-mahapuran https://anchor.fm/shrimad-bhagwad-mahapuran/episodes/ep-eu0akb धर्म कथाएं विषय सूची [श्रीमद भागवद पुराण] श्रीमद भागवद पुराण [introduction] • श्रीमद भागवद पुराण [मंगला चरण] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध १] •  श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध २] •  श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ३] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ४] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ५] श्रीमद भागवद पुराण बारहवां अध्याय [स्कंध ५] जड़ भरत द्वारा ज्ञान॥ (राजा रहूगण का संदेह भंजन ) दोहा - शंसय कियो अनेक विधि, रहुगण भूप अनेक। बारहवें अध्याय में, मैंटे सहित विवेक ।। श्री शुकदेव जी बोले-हे राजा परीक्षत ! जब इस प्रकार श्री जड़ भरत ने राजा रहूगण को उपदेश किया तो रहूगण की और भी अनेक संशय उत्पन्न हुये सो वह उनका निवारण करने के लिये उत्सुक हो इस प्रकार बोला-हे अवधूत ! आपको मेरा बारम्बार नमस्कार है । अाप ईश्वर के समान देह धारण करने वाले अपने परमानन्द में शरीर को तुच्छ किये हुए मलीन विप्र के वेष में अपने वृह्मानुभव को गुप्त रखते हुये विचरण करते हो। जिस प्रकार श्रेष्ठ औषधि, रोग

According to you which is the most practical chapter of Shrimad Bhagwad Mahapuran?

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This particular chapter of Shrimad Bhagwad Mahapuran has the most powerful impact on my life. According to you which is the most practical chapter of Shrimad Bhagwad Mahapuran? I have read the whole puran as many as 4 times till date and still revising it everyday. As the only thing that helped me start my dead life again, as a new birth.  Hope you all stream the same power out of it as i did. This puran almost energized me as no other thing could have.  But after reading it for 4 times I won't say that I have totally remembered it. But I completely know me and my powers.  You will find the real path to life and how to keep yourself safe from ADHARAM (अधर्म) Here's the chapter to my rebirth:  श्रीमद भागवद पुराण *छब्बीसवां अध्याय * [स्कंध ५]कहाँ जाता है मनुष्य मरने के बाद? नरक लोक में जीवात्मा।। (पाताल स्थित नरक का वर्णन ) Where does the soul goes in between reincarnations? दो०-पापी फल पावें जहां, देय दूत यम त्रास। छब्बीसवें अध्याय में, वरणों नरक निवास।। श्री

श्रीमद भागवद पुराण ग्यारहवां अध्याय [स्कंध ५] (जड़ भरत का निर्मल उपदेश)

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Listen to podcasts  https://anchor.fm/shrimad-bhagwad-mahapuran धर्म कथाएं विषय सूची [श्रीमद भागवद पुराण] श्रीमद भागवद पुराण [introduction] • श्रीमद भागवद पुराण [मंगला चरण] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध १] •  श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध २] •  श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ३] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ४] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ५] श्रीमद भागवद पुराण ग्यारहवां अध्याय [स्कंध ५] (जड़ भरत का निर्मल उपदेश) दोहा-दियो रहूगण को भरत, जिस प्रकार उपदेस। सो ग्यारह अध्याय में, वर्णन कियौ विशेष ॥ श्रीमद भागवद पुराण * दसवां अध्याय *[स्कंध ५] (जड़ भरत और रहूगण का संवाद) https://shrimadbhagwadmahapuran.blogspot.com/2021/03/blog-post_24.html श्री शुकदेव जी बोले-हे परीक्षत ! रहूगण के इस प्रकर पूछने पर जड़ भरत ने कहा-- हे रहूगण! यद्यपि तुम पंडित (विद्वान) नहीं हो, परन्तु तुम उन की सी बातें अवश्य बनाते हो । लो इस कारण तुम पंडित जैसे लगने पर भी अधिक पंडितों की संगति में तुम योग्य और श्रेष्ठ नहीं कहे जा सकते हो । क्योंकि पंडितजन इस व्यवहार को मिथ्या ठहराते हैं। क्योंकि जिस प्रकार संसार का व्यवहार

श्रीमद भागवद पुराण * दसवां अध्याय *[स्कंध ५] (जड़ भरत और राजा रहूगण का संवाद)

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धर्म कथाएं विषय सूची [श्रीमद भागवद पुराण] श्रीमद भागवद पुराण [introduction] • श्रीमद भागवद पुराण [मंगला चरण] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध १] •  श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध २] •  श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ३] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ४] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ५] श्रीमद भागवद पुराण स्कंध ६ श्रीमद भागवद पुराण स्कंध ७ श्रीमद भागवद पुराण स्कंध ८ Listen to podcasts  https://anchor.fm/shrimad-bhagwad-mahapuran श्रीमद भागवद पुराण * दसवां अध्याय *[स्कंध ५] (जड़ भरत और राजा रहूगण का संवाद) दोहा-सेवक पकड़े जड़ भरत, दिये सुख पाल लगाय । सो दसवें अध्याय में, कहयौ संवाद सुनाय ।। श्रीमद भागवद पुराण ग्यारहवां अध्याय [स्कंध ५] (जड़ भरत का निर्मल उपदेश कथा भाग २) श्रीमद भागवद पुराण * नौवां अध्याय *[स्कंध ५] जड़ भरत की कथा भाग १ (भरत का विप्र जन्म लेना) दोहा-या नवमे अध्याय में, भये भरत जड़ रूप। सो उनकी सारी कथा, वर्णन करी अनूप ॥ https://shrimadbhagwadmahapuran.blogspot.com/2021/03/blog-post_20.html श्री शुकदेवजी बोले-हे राजा परीक्षत ! एक समय सिन्धु सौवीर का राजा रहूगण सुखपाल (पालकी) में बैठक

श्रीमद भागवद पुराण * नौवां अध्याय *[स्कंध ५] (भरत का विप्र जन्म लेना)

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