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श्रीमद भागवद पुराण* सातवां अध्याय *[स्कंध ५] (भरत जी का चरित्र वर्णन )

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Listen to podcasts  https://anchor.fm/shrimad-bhagwad-mahapuran धर्म कथाएं विषय सूची [श्रीमद भागवद पुराण] श्रीमद भागवद पुराण [introduction] • श्रीमद भागवद पुराण [मंगला चरण] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध १] •  श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध २] •  श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ३] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ४] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ५] श्रीमद भागवद पुराण* सातवां अध्याय *[स्कंध ५] (भरत जी का चरित्र वर्णन ) दो० भरत राज्य जा विधि कियो। हरि सौं प्रेम बड़ाय। सो सप्तम अध्याय में, कही कथा दर्शाय । श्री शुकदेव जी बोले-हे परीक्षित ! श्री ऋषभ देव जी के पश्चात उनका बड़ा पुत्र महाभागवत भरत जी राजा हुये। उसने धर्मपूर्वक राज्य करते हुये प्रजा को पुत्र के समान पालन करते हुये न्याय तथा राज्य प्रबंध किया। इसने अपने पिता की आज्ञानुसार विश्वरूप की कन्या पंचजनी के साथ अपना विवाह कर लिया । भरत ने अपनी पंचजनी भार्या में अपने समान गुण स्वभाव एवं कीर्ति वाले पाँच पुत्रों को उत्पन्न किया । हे परीक्षित! इस पृथ्वी खंड का जब ये भरत राजा हुअा तो इसी के नाम पर इस पृथ्वी खंड का नाम भरतखंड पड़ा जिसे भारत के नाम से कहते हैं। र

श्रीमद भागवद पुराण * छटवां अध्याय * [स्कंध ५] (श्री ऋषभदेव जी का देह त्याग करना)

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Listen to podcasts  https://anchor.fm/shrimad-bhagwad-mahapuran धर्म कथाएं विषय सूची [श्रीमद भागवद पुराण] श्रीमद भागवद पुराण [introduction] • श्रीमद भागवद पुराण [मंगला चरण] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध १] •  श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध २] •  श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ३] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ४] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ५] श्रीमद भागवद पुराण * छटवां अध्याय * [स्कंध ५] (श्री ऋषभदेव जी का देह त्याग करना) दो०-देह त्याग कियो ऋषभ, जिमि अंतिम भये छार। सो छटवें अध्याय में, बरनी कथा उचार ।।  श्री शुकदेवजी बोले-हे अर्जुन पौत्र! इस प्रकार अनेक सिद्धियों को प्राप्त होने पर भी ऋषभ देव जी ने उन्हें स्वीकार नहीं किया। कहने का तात्पर्य है कि सिद्धियों का अपने निमित्त कभी प्रयोग नहीं किया था । इतनी कथा सुनकर राजा परिक्षत ने श्री शुकदेव जी से मधुर वचनों में पूछा हे मुनि! ऋषभ देव जी ने प्राप्त हुई सिद्धियो को अंगीकार क्यों नहीं किया था, सो यह सब भेद आप मुझ पर प्रकट करिये, आपकी अति कृपा होगी। तब श्री शुकदेव जी बोले-हे परीक्षित! विद्वान पुरुषों ने कहा है कि इस चंचल मन का विश्वास बहुत से लोग नहीं करते हैं ।

श्रीमद भागवद पुराण * पाँचवाँ अध्याय * [स्कंध५]( ऋषभ देवजी का उपदेश करना )

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धर्म कथाएं विषय सूची [श्रीमद भागवद पुराण] श्रीमद भागवद पुराण [introduction] • श्रीमद भागवद पुराण [मंगला चरण] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध १] •  श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध २] •  श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ३] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ४] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ५] श्रीमद भागवद पुराण स्कंध ६ श्रीमद भागवद पुराण स्कंध ७ श्रीमद भागवद पुराण स्कंध ८ Listen to podcasts  https://anchor.fm/shrimad-bhagwad-mahapuran श्रीमद भागवद पुराण * पाँचवाँ अध्याय * [स्कंध५]( ऋषभ देवजी का उपदेश करना ) दोहा-ऋषभ देव निज जात जिमि, दई सीख सुख दाय। मोक्ष मार्ग वर्णन कियो, या पंचम अध्याय ।। श्री नारद मुनि द्वारा मोक्ष लक्षण वर्णन।। श्रीमद भागवद पुराण चौदहवाँ अध्याय  [स्कंध७] नारद जी द्वारा विशेष धर्म कथन (गृहस्थाश्रम धर्म)  नारद जी द्वारा सिद्धि अवस्था तथा सन्यास आश्रम धर्म वर्णन।।  श्रीमद भागवद पुराण* बारहवां अध्याय * [स्कंध७] ( चारों आश्रमों के धर्म का वर्णन )  नरसिंह भगवान का अंतर्ध्यान होना।। मय दानव की कहानी।। सनातन धर्म तथा सभी वर्ण आश्रमों का नारद मुनि द्वारा सम्पूर्ण वखान ।। महा भक्त प्रह्लाद की कथा।। भाग १

श्रीमद भागवद पुराण * चौथा अध्याय *[स्कंध ५] ( ऋषभ देव का चरित्र वर्णन )

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श्रीमद भागवद पुराण * तीसरा अध्याय *[स्कंध ५] ऋषभ देव अवतार।।

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श्रीमद भागवद पुराण दूसरा अध्याय [स्कंध ५] ( अग्नीध्र चरित्र)

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श्रीमद भागवद पुराण * प्रथम अध्याय* [स्कंध५] (प्रियव्रत चरित्र वर्णन)

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