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Showing posts from July, 2021

नरसिंह भगवान का अंतर्ध्यान होना।। मय दानव की कहानी।।

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सनातन-संस्कृति में अन्न और दूध की महत्ता पर बहुत बल दिया गया है  ! सनातन धर्म के आदर्श पर चल कर बच्चों को हृदयवान मनुष्य बनाओ। Why idol worship is criticized? Need to know idol worshipping. तंत्र--एक कदम और आगे।  नाभि से जुड़ा हुआ एक आत्ममुग्ध तांत्रिक। क्या था रावण की नाभि में अमृत का रहस्य?  तंत्र- एक विज्ञान।। जनेऊ का महत्व।। आचार्य वात्स्यायन और शरीर विज्ञान। नरसिंह भगवान का अंतर्ध्यान होना।। मय दानव की कहानी।। नवीन सुख सागर कथा श्रीमद भागवद पुराण  दसवां अध्याय [स्कंध ७] (नृसिंह भगवान का अंतर्ध्यान होना) दो०-या दसवें अध्याय में, कीनी कृपा महान| दर्शन दे नृसिंह जी हो गये अन्तर्ध्यान॥ विषय सूची [श्रीमद भागवद पुराण] श्रीमद भागवद पुराण [introduction] • श्रीमद भागवद पुराण [मंगला चरण] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध १] •  श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध २] •  श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ३] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ४] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ५] श्रीमद भागवद पुराण स्कंध ६ श्रीमद भागवद पुराण स्कंध ७ नारद जी बोले-हे युधिष्ठर! इस प्रकार श्री नृसिंह भगवान ने प्रहलाद जी को लुभाया, तो

प्रह्लाद द्वारा भगवान का स्तवन। महाभक्त प्रह्लाद की कथा भाग ५।।

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नवीन सुख सागर  श्रीमद भागवद पुराण  नौवाँ अध्याय [स्कंध ७] प्रह्लाद द्वारा भगवान का स्तवन दो०-भये बहुत भयभीत सब, नरसिंहरूप निहार।  निकट गये प्रहलादजी, अस्तुति करीउचार ||  विषय सूची [श्रीमद भागवद पुराण] श्रीमद भागवद पुराण [introduction] • श्रीमद भागवद पुराण [मंगला चरण] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध १] •  श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध २] •  श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ३] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ४] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ५] श्रीमद भागवद पुराण स्कंध ६ श्रीमद भागवद पुराण स्कंध ७ महा भक्त प्रह्लाद की कथा।। भाग १ प्रहलाद द्वारा बालकों को उपदेश।। भक्त प्रह्लाद की कथा भाग २।। प्रह्लाद को आत्म ज्ञान।।नारद के कहे उपदेश का वृतान्त।। प्रह्लाद कथा भाग ३। हिरण्यकश्यपु का नरसिंह द्वारा विनाश।। महभक्त प्रह्लाद की कथा भाग  ४ प्रह्लाद द्वारा भगवान का स्तवन। महाभक्त प्रह्लाद की कथा भाग ५।। नवीन सुख सागर श्रीमद भागवद पुराण  नौवाँ अध्याय [स्कंध ७] प्रह्लाद द्वारा भगवान का स्तवन दो०-भये बहुत भयभीत सब, नरसिंहरूप निहार। निकट गये प्रहलादजी, अस्तुति करीउचार || नारद जी बोले-हे युधि

हिरण्यकश्यपु का नरसिंह द्वारा विनाश।। महभक्त प्रह्लाद की कथा भाग ४

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नवीन सुख सागर  श्रीमद भागवद पुराण  आठवाँ अध्याय [स्कंध ७] ( हिरण्यकश्यपु का नरसिंह द्वारा विनाश ) दो० प्रगट भये नरसिंह हरि, या अष्टम अध्याय। मारन को प्रहलाद को, असुर चलो जब धाय।।   विषय सूची [श्रीमद भागवद पुराण] श्रीमद भागवद पुराण [introduction] • श्रीमद भागवद पुराण [मंगला चरण] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध १] •  श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध २] •  श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ३] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ४] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ५] श्रीमद भागवद पुराण स्कंध ६ श्रीमद भागवद पुराण स्कंध ७ मंदिर सरकारी चंगुल से मुक्त कराने हैं? क्या था रावण की नाभि में अमृत का रहस्य?  तंत्र- एक विज्ञान।। जनेऊ का महत्व।। यज्ञशाला में जाने के सात वैज्ञानिक लाभ।।  आचार्य वात्स्यायन और शरीर विज्ञान। तांत्रिक यानी शरीर वैज्ञानिक।। मनुष्य के वर्तमान जन्म के ऊपर पिछले जन्म अथवा जन्मों के प्रभाव का दस्तावेज है। Find out how our Gurukul got closed. How did Gurukul end? महा भक्त प्रह्लाद की कथा।। भाग १ प्रहलाद द्वारा बालकों को उपदेश।। भक्त प्रह्लाद की कथा भाग २।। प्रह्लाद को आत्म ज्ञान।।नारद के कहे उपदेश का

प्रह्लाद को आत्म ज्ञान।।नारद के कहे उपदेश का वृतान्त।। प्रह्लाद कथा भाग ३।

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नवीन सुख सागर  श्रीमद भागवद पुराण  सातवां अध्याय [स्कंध ७] ( नारद के कहे उपदेश का वृतान्त )  दो० जिस प्रकार प्रहलाद जी, हुये भक्त सुजान। सो सप्तम अध्याय में, कीयो सकल बखान ||  विषय सूची [श्रीमद भागवद पुराण] श्रीमद भागवद पुराण [introduction] • श्रीमद भागवद पुराण [मंगला चरण] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध १] •  श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध २] •  श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ३] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ४] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ५] श्रीमद भागवद पुराण स्कंध ६ श्रीमद भागवद पुराण स्कंध ७ महा भक्त प्रह्लाद की कथा।। भाग १ प्रहलाद द्वारा बालकों को उपदेश।। भक्त प्रह्लाद की कथा भाग २।। हिरण्यकश्यपु का नरसिंह द्वारा विनाश।। महभक्त प्रह्लाद की कथा भाग  ४ मंदिर सरकारी चंगुल से मुक्त कराने हैं? क्या था रावण की नाभि में अमृत का रहस्य?  तंत्र- एक विज्ञान।। नवीन सुख सागर श्रीमद भागवद पुराण  सातवां अध्याय [स्कंध ७] ( नारद के कहे उपदेश का वृतान्त ) दो० जिस प्रकार प्रहलाद जी, हुये भक्त सुजान। सो सप्तम अध्याय में, कीयो सकल बखान || प्रहलाद के गुरू का नाम प्रहलादजी ने जब इस प्रकार दैत्य बा

प्रहलाद द्वारा बालकों को उपदेश।। भक्त प्रह्लाद की कथा भाग २।।

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नवीन सुख सागर  श्रीमद भागवद पुराण  छटवां अध्याय [स्कंध ७] (प्रहलाद द्वारा बालकों को उपदेश)  दो०  गुरू घर जा प्रहलाद ने, प्रकटे निजी विचार। सहपाठी को उपदेश दे, राम नाम है सार।।   विषय सूची [श्रीमद भागवद पुराण] श्रीमद भागवद पुराण [introduction] • श्रीमद भागवद पुराण [मंगला चरण] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध १] •  श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध २] •  श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ३] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ४] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ५] श्रीमद भागवद पुराण स्कंध ६ श्रीमद भागवद पुराण स्कंध ७ महा भक्त प्रह्लाद की कथा।। भाग १ श्रीमद भागवद पुराण  सातवां अध्याय [स्कंध ७] ( नारद के कहे उपदेश का वृतान्त )  नारद जी बोले-हे राजन् ! गुरू के घर जाय प्रहलाद रहने लगा एक दिन गुरू किसी काम से गये थे, जिससे वह चटशाला से अनुपस्थित थे, तब प्रहलाद ने अपने साथ के पढ़ने वाले बालकों को इस प्रकार उपदेश दिया। प्रहलाद जी बोले--हे दैत्य पुत्रो ! बुद्धिमान मनुष्य को चाहिए कि वह वाल्यकला से ही वैष्णव धर्म की उपासना करे। क्योंकि प्राणियों को यह मनुष्य जन्म मिलना कठिन है। सब अर्थों को देने वाला यही मनुष्य जन

महा भक्त प्रह्लाद की कथा।। भाग १

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मनुष्य के वर्तमान जन्म के ऊपर पिछले जन्म अथवा जन्मों के प्रभाव का दस्तावेज है। तांत्रिक यानी शरीर विज्ञान आचार्य वात्स्यायन और शरीर विज्ञान। यज्ञशाला में जाने के सात वैज्ञानिक लाभ।।  विषय सूची [श्रीमद भागवद पुराण] श्रीमद भागवद पुराण [introduction] • श्रीमद भागवद पुराण [मंगला चरण] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध १] •  श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध २] •  श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ३] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ४] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ५] श्रीमद भागवद पुराण स्कंध ६ श्रीमद भागवद पुराण स्कंध ७ नवीन सुख सागर  श्रीमद भागवद पुराण पाँचवां अध्याय [स्कंध७] ( प्रहलाद को मारने की हिरण्यकश्यपु की चेष्टा)  दो॰ हरि में लखि सुत लीन, निज कियो देत्य विचार|  मारन चाहयौ तात को, कौनी नहीं अवार॥  युधिष्ठर जी ने पूछा- हे देवर्षि ! ऐसे साधु पुत्र से हिरण्यकश्यपु ने द्रोह क्यों किया, अपने अनुकुल पुत्र न होने पर भी पिता तो पुत्र पर ही स्नेह रखता है। यदि कुपति भी होवे तो भी शत्रु के समान दंड नहीं देता है। फिर अपने उस सत्पुत्र उसने वैर क्यों किया। इसका कारण से कहिये । नारद जी बोले- हे राजन! हि