जड़ भरत द्वारा ज्ञान॥ (राजा रहूगण का संदेह भंजन )श्रीमद भागवद पुराण बारहवां अध्याय [स्कंध ५]
Listen to podcasts https://anchor.fm/shrimad-bhagwad-mahapuran https://anchor.fm/shrimad-bhagwad-mahapuran/episodes/ep-eu0akb धर्म कथाएं विषय सूची [श्रीमद भागवद पुराण] श्रीमद भागवद पुराण [introduction] • श्रीमद भागवद पुराण [मंगला चरण] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध १] • श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध २] • श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ३] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ४] श्रीमद भागवद पुराण [स्कंध ५] श्रीमद भागवद पुराण बारहवां अध्याय [स्कंध ५] जड़ भरत द्वारा ज्ञान॥ (राजा रहूगण का संदेह भंजन ) दोहा - शंसय कियो अनेक विधि, रहुगण भूप अनेक। बारहवें अध्याय में, मैंटे सहित विवेक ।। श्री शुकदेव जी बोले-हे राजा परीक्षत ! जब इस प्रकार श्री जड़ भरत ने राजा रहूगण को उपदेश किया तो रहूगण की और भी अनेक संशय उत्पन्न हुये सो वह उनका निवारण करने के लिये उत्सुक हो इस प्रकार बोला-हे अवधूत ! आपको मेरा बारम्बार नमस्कार है । अाप ईश्वर के समान देह धारण करने वाले अपने परमानन्द में शरीर को तुच्छ किये हुए मलीन विप्र के वेष में अपने वृह्मानुभव को गुप्त रखते हुये विचरण करते हो। जिस प्रकार श्रेष्ठ औषधि, रोग